2 लोगों ने यह व्यंजन बनाया है!
तैयारी:
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आलू को अच्छी तरह से धो लें।
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अगर आपके पास न्यू पोटैटो हैं, तो उन्हें काट कर छोटे टुकड़ों में कर लें और छिलका न हटाएँ। साधारण आलू के लिए पहले छिलका उतारें और फिर उन्हें छोटे टुकड़ों में काट लें।
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एक पॉट में थोड़ा सा वेजिटेबल ऑयल गरम करें और उसमें आलू के टुकड़े डालें। हल्का तलें जब तक वे सुनहरे रंग के न हो जाएँ।
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पॉट में सोया सॉस, मिरिन, शुगर, साके और डशी डालें और सब कुछ अच्छी तरह मिलाएँ। अगर आपके पास डशी नहीं है, तो आप सिर्फ पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप डशी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पैकेज पर दिए गए निर्देशानुसार पहले से पानी में मिलाएँ।
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मिश्रण को हाई हीट पर उबालें, फिर मेडियम हीट पर रखें और 10–15 मिनट तक पकाएँ। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि आलू में स्वाद अच्छी तरह से समा जाए।
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जब आलू नरम हो जाएँ और शोरबा थोड़ा घट जाए, तब सब कुछ नमक से स्वादानुसार सीज़न करें।
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पॉट को आँच से हटा लें, थोड़ी देर ठंडा होने दें और फिर आलू को प्लेट में सर्व करें। तैयार है आनंद लेने के लिए!
अनुक्रमणिका:
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
"निकोरोगाशी" (भुनी हुई आलू) जापानी घरेलू व्यंजनों का एक असली आरामदायक खाना है। यह आपको तुरंत गर्मजोशी और अपनापन का अहसास देता है – जैसे माँ के घर पर होता है।
इस व्यंजन को मीठी-नमकीन सॉस में सामग्री को भूनकर तैयार किया जाता है और यह "निमोनो" (भुने हुए व्यंजन) की श्रेणी में आता है। इसे बनाना आसान है और यह कई घरों में रोज़मर्रा की रेसिपी है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान में आलू अधिक लोकप्रिय हो गए और जल्दी ही यह एक मुख्य खाद्य सामग्री बन गए। "निकोरोगाशी" बहुत लोकप्रिय हो गया क्योंकि इसे बनाना आसान था और यह पौष्टिक व स्वादिष्ट भी है।
हर परिवार के पास अक्सर इसकी अपनी रेसिपी होती है, जो इस व्यंजन को खास बनाती है। यह व्यस्त दिनों के लिए एकदम उपयुक्त है, जब जल्दी बनाना हो, और बेंटो-बॉक्स की साइड डिश के तौर पर भी बहुत अच्छा है।
बुनियादी जानकारी
"निकोरोगाशी" एक भुना हुआ व्यंजन है, जो खासतौर पर अपनी सोया सॉस बेस वाली मीठी-नमकीन चटनी के लिए जाना जाता है।
मुख्य सामग्री आलू हैं, जो भूनने के दौरान शोरबा का स्वाद अच्छी तरह से सोख लेते हैं। इससे वे मुलायम, फूले-फूले और बेहद स्वादिष्ट हो जाते हैं।
मसाला सरल है: सोया सॉस, मिरिन, चीनी और साके – ये मिठास और उमामी का संतुलन बनाते हैं। इसी वजह से यह व्यंजन चावल के साथ बेहद अच्छा लगता है।
इसे अपने हिसाब से आसानी से बदल सकते हैं – थोड़ा मांस या सब्ज़ी मिलाएं तो यह मुख्य भोजन बन जाता है, या केवल साइड डिश के तौर पर परोसें। यह कम कैलोरी, पौष्टिक है और इसे बड़ी मात्रा में बना सकते हैं, जिससे यह मील प्रेप के लिए बेहतरीन है। और सबसे अच्छी बात: इसे दोबारा गर्म करने पर भी स्वाद वही रहता है!
क्षेत्रीय विविधताएँ और "निकोरोगाशी" की उत्पत्ति
हर क्षेत्र या परिवार में "निकोरोगाशी" की अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं। क्यूशू में उदाहरण के लिए, कभी-कभी इसे सोया सॉस की बजाय मिसो-बेस वाली चटनी के साथ बनाया जाता है, जबकि टोहो쿠 में सामान्य चीनी की बजाय शहद या शकरकंद का चीनी इस्तेमाल होता है।
कुछ परिवार आलू को छोटे टुकड़ों में काटकर भूनते हैं। इससे शोरबा अच्छी तरह से आलू में समा जाता है और छोटे बच्चों या बुजुर्गों के लिए जिन्होंने पूरे आलू खाने में दिक्कत हो, यह आसान बनता है।
वैसे, "निकोरोगाशी" नाम उस तकनीक से आता है जिसमें सामग्री को धीरे-धीरे बर्तन में रोल किया जाता है जब वे भून रही होती हैं। इससे मसाले बराबर पूरी सामग्री में बंट जाते हैं और आलू अपनी बनावट व आकार बरकरार रखते हैं, टूटते नहीं हैं।
आलू बहुत बहुपरकारी हैं, लेकिन जापान में इन्हें खासकर ऐसे भुने व्यंजनों के लिए बहुत पसंद किया जाता है। यह दिखाता है कि जापानी रसोई में आलू कितने प्रिय हैं!
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